जरा हट के हाथियों पर गिरी आसमानी आफत...Assam में बिजली गिरने से...

हाथियों पर गिरी आसमानी आफत…Assam में बिजली गिरने से 18 गजराज की मौत!

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Assam में बिजली गिरने से: ऐसा पहले कभी सुनने में नहीं आया कि वज्रपात होने से डेढ़ दर्जन हाथियों की मौत हो गई हो. असम में 12 मई की रात यानी बुधवार को 18 हाथियों की मौत हो गई. इसमें से 14 हाथियों के शव एक पहाड़ी की चोटी पर मिले, जबकि बाकी चार पहाड़ी के नीचे घाटियों में. असम के नागांव जिले में स्थित काठियोटोली रेंज के प्रस्तावित कुंडोली फॉरेस्ट रिजर्व में बुधवार रात इन हाथियों के ऊपर आसमान से बिजली गिरी. जिसके झटके से ये हाथी मारे गए.

असम के प्रधान मुख्य वन संरक्षक अमित सहाय ने कहा कि नागांव-कर्बी आंगलोंग सीमा के पास एक जंगली पहाड़ी के ऊपर ये हादसा हुआ है. ये काफी दूर और दुर्गम इलाका है. वन विभाग की टीम को पहुंचने में 24 घंटे का समय लगा. प्राथमिक जांच के आधार पर पता चला है कि आसमानी बिजली गिरने की वजह से इन हाथियों तेज झटका लगा. जिससे इनकी मौत हो गई.

शुक्रवार यानी 14 मई को वेटरिनरी डॉक्टरों की टीम इस इलाके की ओर गई है ताकि इन हाथियों का पोस्ट मार्टम कर सकें. अमित सहाय ने कहा कि ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब इतनी बड़ी संख्या में हाथी एक साथ मारे जाएं. चुंकि, हाथी हमेशा झुंड में रहते हैं तो ऐसा संभव हो सकता है. जब भी तूफान आता है या तेज बारिश होती है तब ये एकसाथ कहीं छिपने की कोशिश करते हैं.

Assam में बिजली गिरने से: अमित सहाय ने कहा कि मैंने डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट अफसर (DFO) को इस मामले की और जांच करने को कहा है. ये भी पता करने को कहा है कि इसमें से कितने नर थे और कितनी मादाएं. इसमें थोड़ा समय लगेगा. नागांव के DFO बिनोद दुलू बोरा ने कहा कि वन विभाग वेटरिनरी डॉक्टरों की मदद से पोस्ट-मॉर्टम करेगा. फिलहाल वन विभाग की टीम इस मामले की विभागीय जांच कर रही है.

स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने रात भर हाथियों के अप्राकृतिक तरीके से चिल्लाने का आवाज सुनी. धीरे-धीरे करके आवाज कम होती चली गई. सुबह होने तक सब शांत था. असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा शर्मा ने इस मामले पर चिंता जताई. वन मंत्री परिमल सुक्लबैद्य घटनास्थल पर जाने की तैयारी में हैं.

हाथियों के एक्सपर्ट बिभूति लहकर ने इस घटना को हैरान कर देने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्लभ मामला है. नॉर्थईस्ट के राज्यों में ऐसी घटनाएं बेहद कम होती हैं. आमतौर पर ऐसी घटनाएं अफ्रीका के मैदानी इलाकों में रहने वाले हाथियों के साथ होती हैं. भारत में ऐसी घटनाएं बेहद कम होती हैं. करीब 12 से 15 साल पहले पश्चिम बंगाल के जल्दापाड़ा में ऐसी घटना हुई थी. लेकिन उसमें इतने हाथी नहीं मारे गए थे.

बिभूति लहकर ने बताया कि वन विभाग के अधिकारी इस दुखद घटना के पीछे आसमानी बिजली गिरना मान रहे हैं लेकिन इस मामले में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. क्योंकि यहां एक दो हाथी नहीं मरे हैं. यहां पर 18 हाथी मारे गए हैं. अगर ये सच में बिजली गिरने से मारे गए हैं तो ये क्लाइमेट चेंज का नतीजा है. यहां ऐसा कभी नहीं होता था. क्लाइमेट चेंज की वजह से बेमौसम तूफान, बारिश आ रही है.

भारत में हर साल बिजली के झटके से दर्जनों हाथी मारे जाते हैं. लेकिन ये बिजली के झटके इंसानों द्वारा निर्मित कंटीले तारों में दौड़ाए गए करंट के होते हैं. साल 2016-17 में 56 हाथी करंट लगने से मारे गए. 2017-18 में 69 हाथी मारे गए. जबकि, 2018-19 में 81 हाथी करंट लगने से मारे गए. ये आंकड़े राज्यसभा में केंद्रीय वन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने 16 मार्च 2020 को पेश किए थे.

वहीं देश में साल 2016 से लेकर 19 तक ट्रेन के सामने आने से 60 हाथियों की मौत हुए है. 2016-17 में 21, साल 2017-18 में 20 और 2018-19 में 19 हाथी ट्रेन के सामने आने से मारे गए. ये जानकारी लोकसभा में 6 मार्च 2020 को पेश किए गए थे. सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में इस समय 29,964 हाथी हैं. जो कि भारत के चार हिस्सों में बंटे हुए हैं.

नॉर्थ ईस्ट में सबसे 10,139 हाथी हैं. इसमें उत्तर-पूर्व के सभी राज्य और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. पूर्व मध्य में 3128 हाथी हैं. इसमें ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, मप्र और पश्चिम बंगाल का कुछ हिस्सा आता है. उत्तर-पश्चिम इलाके में 2085 हाथी हैं. इनमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल आते हैं. सबसे ज्यादा हाथी दक्षिण भारत में हैं. यहां पर 14,612 हाथी हैं. इसमें कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, आंध्र प्रदेश, अंडमान-निकोबार और तमिलनाडु शामिल हैं.

Deeksha Singhhttps://hindi.newsinheadlines.com
News Editor at Newsinheadlines Hindi, Journalist, 5 years experience in Journalism and editorial. Covers all hot topics of Internet, Loves Watching Football, Listening to Music.

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