वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परिसर में मंगलवार तड़के बड़ा हादसा हुआ। ललिता घाट के पास जर्जर दो मंजिला मकान गिर जाने से मलबे में दबकर बंगाल निवासी दो मजदूरों की मौत हो गई। जबकि हादसे में सात मजदूर घायल हो गए। घायलों को कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्राथमिक उपचार के बाद छह मजदूरों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। हादसे की सूचना पाकर जिले के पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच जांच में जुट गए हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ ने बयान जारी कर बताया कि इस हादसे के शिकार मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए जबकि घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए ललिता घाट स्थित गोयनका छात्रावास का अधिग्रहण किया गया है। सोमवार की रात कार्यदायी संस्था के मजदूर गोयनका छात्रावास के जर्जर हिस्से के नीचे सोए हुए थे। मंगलवार तड़के चार बजे के लगभग छात्रावास का जर्जर हिस्सा अचानक भरभरा कर गिरने से उसके मलबे के नीचे नौ मजदूर दब गए। चीख पुकार सुनकर घटनास्थल पर पहुंचे कॉरिडोर में तैनात पुलिसकर्मियों ने सभी को मलबे के नीचे से बाहर निकाला और कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल पहुंचाया।
हादसे में पश्चिम बंगाल के मालदा जिला के कालिया चक निवासी अब्दुल मोमिन (25) और अमीनुल मोमिन (45) की मौत हो गई। वहीं, इमरान, आरिफ मोमिन, शाहिद अख्तर, सकीउल मोमिन, हाकिम खान और आरिफ मोमिन को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
मजदूर अब्दुल जब्बार के पैर में चोट लगने के कारण उसे मंडलीय अस्पताल में भर्ती किया गया है। एसीपी दशाश्वमेध अवधेश कुमार पांडेय ने बताया कि हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई है। जिसका शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा गया। हादसे में घायल अन्य सात मजदूरों की हालत ठीक है। पिछले हफ्ते 23 मई को लाहौरी टोला स्थित एक जर्जर मकान की दीवार गिरने से एक ही परिवार के पांच लोग घायल हो गए थे।
10 दिन के अंदर दूसरा हादसा
काशी विश्वनाथ परिसर में 10 दिन के अंदर दूसरी बार जर्जर मकान गिरने की घटना घटी है। इससे पहले 23 अप्रैल को लाहौरी टोले के समीप तीन मंजिला मकान की एक कमरे की दीवार भरभरा कर गिर गई थी। तब हादसे में पांच लोग घायल हो गए थे। बता दें कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के आसपास कई मकान वर्षों पुराने और जर्जर हाल में हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि कॉरिडोर निर्माण कार्य में लगी भारी मशीनों हो रहे कंपन के कारण जर्जर मकान गिर रहे हैं।
यह भी पढ़ें : 120Hz सुपर एमोलेड डिस्प्ले के साथ Realme X7 Max 5G भारत में लॉन्च