मोंटाना में भी एक बड़े अस्पताल ने संकटकालीन देखभाल मानक लागू किया है जिसके तहत इस बात पर विचार किया जाता है कि इलाज करने में किसे प्राथमिकता दी जाए। स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ये उपाय पूरे राज्य में लागू किए जा सकते हैं।
डेल्टा वैरिएंट का प्रकोप
कोरोना महामारी की शुरुआत के साथ ही दुनिया भर में सबसे अधिक परेशान देश अमेरिका है। वैश्विक मामलों का आंकड़े की लिस्ट में पहले स्थान पर अमेरिका ही है। यहां सबसे अधिक संक्रमण के मामलों के साथ सबसे अधिक मौतें भी हो रही हैं। कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के कारण अमेरिका के कुछ हिस्सों में स्वास्थ्य प्रणाली गंभीर संकट में है। इस क्रम में यहां कोरोना वैक्सीन फाइजर के बूस्टर डोज की शुरुआत हो गई है।
यूएस सेंटर फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की प्रमुख रोशेल वालेंस्की ने कहा कि कुछ राज्यों को राशन आधारित चिकित्सा इंतजाम करना पड़ रहा है। इसका मतलब है कि हम इस बारे में चर्चा कर रहे हैं कौन वेंटिलेटर पर जा रहा है या किसे आइसीयू बेड की जरूरत है? सीबीसी के ‘फेस टू नेशन’ कार्यक्रम में वालेंस्की ने कहा, इन मुद्दों पर चर्चा करना कोई आसान काम नहीं है। हम यह नहीं चाहते कि हमारे स्वास्थ्य क्षेत्र को इन स्थितियों का सामना करना पड़े।
इदाहो और अलास्का जैसे राज्यों ने कहा है कि यदि जरूरत पड़ी तो अस्पतालों में राशन आधारित स्वास्थ्य व्यवस्था लागू की जा सकती है। मोंटाना में भी एक बड़े अस्पताल ने संकटकालीन देखभाल मानक लागू किया है, जिसके तहत इस बात पर विचार किया जाता है कि इलाज करने में किसे प्राथमिकता दी जाए। स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ये उपाय पूरे राज्य में लागू किए जा सकते हैं।
अमेरिका की जान्स हापकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों को जारी किया गया। अब तक दुनिया भर में संक्रमण के कुल 231,808,663 मामले आ चुके हैं और 4,747,726 संक्रमितों की मौत हो गई। हालांकि दुनिया भर में इससे बचाव के लिए वैक्सीनेशन जारी है और अब तक कुल 6,088,716,731 डोज लगाए जा चुके हैं। वहीं अमेरिका कोरोना संक्रमण की चपेट में है और यहां अब तक 42,931,259 मामले आ चुके हैं और 688,032 संक्रमितों की मौत भी हो चुकी है।