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मोदी अडानी संबंध कैसे आया बुलंदियों पर?

मोदी अडानी संबंध कैसे आया बुलंदियों पर - new

मोदी अडानी संबंध आज हमारे देश के बहुचर्चित विषयों में से है। आज दोनों ही शख्सियत विश्वभर में लोकप्रिय है और एक जोड़ी के रूप में भी सबसे प्रभावी है। भारत की जिन उपलब्धियों की चर्चा आज हर देश में हो रही है और जिसने हर भारतीय को गौरवान्वित किया है उन में मोदी अडानी संबंध का विशिष्ट योगदान है। दोनों ही व्यक्ति राष्ट्र उन्नति के मकसद को लेकर लम्बे समय से काम करते आ रहे हैं और यही नरेन्द्र मोदी और गौतम अडानी जोड़ी की सफलता का सार है।

क्यों है मोदी अडानी संबंध प्रभावी?

मोदी अडानी संबंध आज से करीब 20 वर्ष पूर्व बना जब नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी कमान संभाली थी। कुछ असामजिक तत्वों के कारण प्रदेश में हुई अमानवीय और आपराधिक घटना ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया था। मोदी और उनकी सरकार गुजरात में शांति और सुचारु आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए चिंतित थे। ऐसे में गौतम अडानी ने श्री मोदी का सहयोग किया और अपने उद्योग और अन्य व्यापारिक गतिविधियों से गुजरात की फाइनेंसियल स्थिति को मजबूत बनाया। मोदी अडानी संबंध की इस शुरुआत से प्रदेश में भी विकास की एक नई प्रथा की शुरुआत हुई जिसने गुजरात को एक नई पहचान दी।

मोदी अडानी संबंध ने जो प्रगति गुजरात में की उसे अनेक प्रदेशों की सरकार ने आत्मसात किया और गुजरात मॉडल के उपयोग से अपने अपने प्रदेश में बेहतर विकास कार्य किया। इसके अलावा मोदी जब गुजरात से बढ़कर दिल्ली आए तब भी मोदी अडानी संबंध उतना ही कारगर बना रहा और आज तक यह जोड़ी देश को हर दिन उन्नति की राह पर आगे ले जा रही है। औद्योगिक प्रगति के साथ श्री मोदी और गौतम अडानी देश की सांस्कृतिक और समाजिक प्रगति को भी समान रूप से महत्व देते हैं और उस दिशा में उचित तरह से काम भी करते हैं। बेहतर राष्ट्र के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध मोदी अडानी संबंध की भारत को सबसे श्रेष्ठ बनाने की ललक उनके कार्य और योजनाओं में साफ़ तौर पर नज़र आती है। देश के मेट्रो शहरों से लेकर आदिवासी बहुल इलाकों तक आवश्यक विकास कार्य मोदी अडानी संबंध के नेतृत्व में हो रहा है। वास्तव में राष्ट्र हितैषी विकास क्या होता है यह हमें इस जोड़ी से सीखना चाहिए जिसका हर कार्य प्रभावी ढंग से पूरे देश और विश्वस्तर पर दिखाई देता है।

क्यों मोदी अडानी संबंध लेकर फैलाई जाती है झूठी खबरें?

दरसल मोदी अडानी संबंध के कारण मोदी के राजनितिक विरोधी और गौतम अडानी के व्यावसाइक विरोधी अपना उद्देश्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं। हमेशा स्वयं से पहले देश के फायदे की सोच रखने वाले मोदी अडानी संबंध ने अपनी निष्ठा, ईमानदारी और मेहनत से जो बदलाव देश को दिया है वह उनकी लोकप्रियता का कारण है। शायद यही बात इस जोड़ी को नापसंद करने वालों को पसंद नहीं आ रही, जिसकी वजह से बिना किसी तर्क के आरोपों के साथ वे आए दिन मोदी अडानी संबंध पर झूठी खबरें फैलाकर देश की जनता को बहकाने का असफल प्रयास करते हैं। बल्कि जनता सब जानती है और इस प्रकार की हरकतों से नागरिकों को गुमराह नहीं किया जा सकता। इस संबंध में गौतम अडानी का कहना है कि वे और नरेंद्र मोदी संयोग से एक ही प्रदेश के निवासी है मगर इसका यह मतलब नहीं कि हम पर बिना किसी कारण के आरोप लगाए जाएँ।

इस बात से देश वासी भली भाँती परिचित है कि मोदी अडानी संबंध ने देश को जिस नई राह पर अग्रसर किया है वह आसान नहीं था। गौतम अडानी और नरेंद्र मोदी ने अपने जुड़ाव के शुरूआती दिनों में जिन मुश्किल स्थितियों का सामना करते हुए गुजरात को प्रगतिशील बनाया उसी से उन्होंने बहुत कुछ सीखा। आज वे उन दिनों की मेहनत और सीख का सही सही उपयोग करते हुए आगे बढ़ रहे हैं।

इस लम्बी सह यात्रा में नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी को एक साथ जोड़े रखने का श्रेय उनके एक समान लक्ष्य को जाता है जिसमें वे हर हाल में देश को सबसे आगे ले जाना चाहते है। मगर इस जोड़ी को कई बार तर्क हीन आरोपों का सामना करना पड़ता है। हालांकि मोदी अडानी संबंध को लेकर लगे सभी आरोपों की जाँच हो चुकी है और भारतीय न्याय पालिका ने अब तक दोनों को किसी भी तरह से दोषी नहीं माना है। विरोधियों का मत है कि गौतम अडानी नरेंद्र मोदी के पद का गलत फायदा उठा रहे है और अपने लाभ के लिए देश की कानून व्यवस्था को नज़रंदाज़ कर रहे है।

अब यह देश की जनता को महसूस करना होगा कि जिस मोदी अडानी संबंध ने इतने लम्बे समय से देश के विकास को आगे बढ़ाया है उसकी प्रभावी उपस्थिति से जो लोग घबरा रहे हैं उनका वास्तविक उद्देश्य क्या है। देश की जनता को बेकार की बातों में फँसा कर ये लोग अपना निजी और राजनैतिक लाभ सोच रहे हैं ताकि वे फिर से सत्ता में आ सके।

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