गज़ा स्थित फ़लस्तीनी अधिकारियों ने एक सप्ताह से जारी संघर्ष में रविवार को हुई हिंसा को सबसे “ख़ूनी दिन” बताया है. उन्होंने कहा कि रविवार को इसराइली हवाई हमले में 42 लोगों की मौत हो गई है जिनमें 16 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं.
उधर इसराइल के राष्ट्रपति बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि गज़ा में फ़लस्तीनी चरमपंथी गुट हमास के ख़िलाफ़ इसराइली सैन्य अभियान ‘पूरी ताकत’ के साथ जारी रहेगा.
नेतन्याहू ने चेतावनी भरे लहज़े में कहा, “जब तक ज़रूरी होगा, हम सैन्य कार्यवाई जारी रखेंगे…शांति क़ायम होने में अभी वक़्त लगेगा.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने चेतावनी दी है कि संघर्ष नहीं थमा तो ये पूरा क्षेत्र एक “बेक़ाबू संकट” में घिर जाएगा.
संयुक्त राष्ट्र ने गज़ा में ईंधन की कमी होने की भी चेतावनी दी है और कहा है कि इससे अस्पतालों और अन्य ज़रूरी सेवाओं पर असर पड़ सकता है.
इसराइली सेना का कहना है कि फ़लस्तीनी चरमपंथियों ने पिछले एक सप्ताह में इसराइल पर 3,000 से ज़्यादा रॉकेट दागे हैं. उनका कहना है कि पिछले एक सप्ताह से जारी हमलों में इसराइल में दो बच्चों समेत 10 लोगों की मौत हुई है.
इसराइल और फ़लस्तीनियों के बीच संघर्ष में गज़ा में अब तक कुल 197 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 58 बच्चे और 34 महिलाएं शामिल हैं.
हमले में कुल 1,235 लोग घायल भी हुए हैं. यह जानकारी हमास नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है. इसराइल का कहना है कि मरने वालों में हमास के कई चरमपंथी भी हैं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक
इस बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गज़ा में सीज़फ़ायर (युद्धविराम) लागू करवाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के साथ एक बैठक की.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इस बैठक की शुरुआत में कहा, “गज़ा में हो रही हिंसा बेहद भयानक है और यह संघर्ष तुरंत रुकना चाहिए.”
भारत ने भी यरुशलम और ग़ज़ा में जारी हिंसा को लेकर चिंता जताई है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी दूत टीएस तिरूमूर्ति ने सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद कहा,”भारत हर तरह की हिंसा की निंदा करता है, तत्काल तनाव ख़त्म करने की अपील करता है.”
“भारत फ़लस्तीनियों की जायज़ माँग का समर्थन करता है और दो-राष्ट्र की नीति के ज़रिए समाधान को लेकर वचनबद्ध है.”
“भारत ग़ज़ा पट्टी से होने वाले रॉकेट हमलों की निंदा करता है, साथ ही इसराइली बदले की कार्रवाई में भी बहुत बड़ी संख्या में आम नागरिक मारे गए हैं जिनमें औरतें और बच्चे भी शामिल हैं जो बहुत दुखद है.”