मधुबनी। दरभंगा प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक अजिताभ कुमार ने शुक्रवार की शाम बेनीपट्टी थाना के महमदपुर गांव पहुंचकर 29 मार्च को हुई हत्याकांड की गहन जांच की। आईजी ने पीड़ित परिवार से मिल विभिन्न बिन्दुओं पर जानकारी प्राप्त की। बेनीपट्टी थाना में आईजी ने कहा कि यह कांड दो जाति का मामला नहीं, बल्कि दो गुटो के आपसी रंजिश का है। पुलिस के पास जो सबूत हैं, उसके आधार पर पुलिस आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है। कांड के मुख्य आरोपित जल्द ही गिरफ्तार होंगे।
आईटी सेल का पूरा सहयोग आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए लिया जा रहा है। आरोपितों को सजा दिलाने के लिए चार्जशीट के लिए पुलिस के द्वारा साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए आईजी ने कहा कि इस कांड में निर्दोष लोगों को फंसाया नहीं जाएगा, जबकि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। महमदपुर हत्याकांड में संलिप्त अपराधकर्मियों की भूमिका को वैज्ञानिक अनुसंधान के तहत जांच किया जा रहा है। मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की गठित टीम लगी हुई है। कांड के अनुसंधान में गुणवत्ता कायम रहे और अपराधी कानून के पकड़ से बाहर नहीं रहे, इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं।
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जल्द से जल्द मुख्य आरोपित सहित सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। इस अवसर पर डीएसपी अरुण कुमार सिंह, पुलिस निरीक्षक राजेश कुमार, प्रशिक्षु डीएसपी सह थानाध्यक्ष राकेश कुमार रंजन मौजूद थे। महमदपुर हत्याकांड पुलिस प्रशासन की लापरवाही का परिणाम श्याम बेनीपट्टी। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के उत्तर बिहार प्रभारी एवं क्षत्रिय एकता परिषद के संस्थापक श्याम कुमार सिंह ने बेनीपट्टी थाना के महमदपुर गांव में जघन्य हत्याकांड पर दुख जताया है।
सरकार एवं प्रशासन से जल्द से जल्द हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग की है। कहा कि महमदपुर गांव में पूर्व सैनिक सुरेंद्र सिंह के तीन पुत्र सहित पांच लोगों को गोली मारकर हत्या कर दी गई है। इस घटना की जितनी निदा की जाए, कम है। अपराधियों ने घनी आबादी के बीच तांडव किया है। जबकि, पुलिस प्रशासन अब तक मुख्य आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। कहा कि अपराधियों की न कोई जाति होती है ना धर्म। हत्याकांड में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार कर जल्द से जल्द स्पीडी ट्रायल कराकर फांसी की सजा दिलाई जाए। कहा कि प्रशासन समय से इस मामले को गंभीरता से लेता तो इस घटना को रोका जा सकता था। इस घटना के पीछे पुलिस प्रशासन की लापरवाही स्पष्ट है। होली के दिन अपराधी के द्वारा षडयंत्र के तहत इस अमानवीय घटना को अंजाम दिया गया है। इस हत्याकांड में सरकार को जिम्मेवारी लेनी होगी। सूबे में कानून व्यवस्था बेपटरी हो गई है।