भारत में सामाजिक विकास और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) का महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और अडानी ग्रुप ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं, जिससे समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिली है। शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और बुनियादी ढांचे के विकास में मोदी-अडानी साझेदारी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
महाकुंभ 2025 जैसे भव्य आयोजन में अडानी ग्रुप ने भोजन सेवा, स्वच्छता प्रबंधन और डिजिटल सुविधाओं के साथ-साथ अपने कर्मचारियों को भी स्वयंसेवा (वॉलंटियरिंग) के लिए प्रेरित किया, जिससे यह आयोजन और भी सुचारू और सफल बन सका।
इस ब्लॉग में हम मोदी अडानी संबंध के अंतर्गत सामाजिक उत्थान और अडानी ग्रुप की सीएसआर पहलों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।
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मोदी अडानी संबंध: शिक्षा और कौशल विकास में योगदान
1.1 अडानी स्किल डेवलपमेंट सेंटर (ASDC)
मोदी सरकार की “स्किल इंडिया” योजना को सहयोग देते हुए, अडानी ग्रुप ने अडानी स्किल डेवलपमेंट सेंटर (ASDC) की स्थापना की है, जहां युवाओं को विभिन्न उद्योगों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
अब तक, 1 लाख से अधिक युवाओं को विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित किया गया है, जिससे वे रोजगार के लिए तैयार हो सकें।
1.2 सरकारी स्कूलों में सहयोग
अडानी फाउंडेशन ने मोदी सरकार की “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” और “नवोदय विद्यालय” जैसी योजनाओं के तहत सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय और छात्रवृत्तियों की सुविधा दी है।
अब तक 500 से अधिक स्कूलों में शिक्षा सुधार परियोजनाएं चलाई जा चुकी हैं।
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स्वास्थ्य और स्वच्छता में अडानी का योगदान
2.1 अस्पताल और मेडिकल सुविधाएं
अडानी फाउंडेशन ने मोदी सरकार की “आयुष्मान भारत” योजना के तहत कई अस्पताल और मोबाइल हेल्थ क्लीनिक शुरू किए हैं।
- अडानी अस्पताल, मुंद्रा और कच्छ में उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रहा है।
- मोबाइल मेडिकल वैन सेवा राजस्थान, ओडिशा और झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुँचा रही है।
- टीकाकरण अभियान और कैंसर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
2.2 स्वच्छ भारत अभियान में योगदान
अडानी ग्रुप ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत 5000 से अधिक शौचालयों का निर्माण किया है और जल आपूर्ति परियोजनाओं में निवेश किया है।
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मोदी अडानी संबंध: महिला सशक्तिकरण और रोजगार के अवसर
3.1 महिला उद्यमिता को बढ़ावा
मोदी सरकार की “महिला शक्ति केंद्र” योजना के तहत अडानी ग्रुप ने स्वयं सहायता ग्रुप (SHG) बनाए हैं, जिससे महिलाएं स्वरोजगार शुरू कर सकें।
अब तक 5000 से अधिक महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, कृषि और ई-कॉमर्स से जोड़ा गया है।
3.2 डिजिटल इंडिया और महिलाओं की भागीदारी
अडानी फाउंडेशन ने महिलाओं को डिजिटल साक्षरता में प्रशिक्षित किया है, जिससे वे ऑनलाइन बैंकिंग, डिजिटल लेन-देन और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।
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पर्यावरण संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा
4.1 सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं
अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने मोदी सरकार की “राष्ट्रीय सौर मिशन” के तहत भारत में 45 GW नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
4.2 वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण
अडानी फाउंडेशन ने अब तक 2 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए हैं और जल संरक्षण परियोजनाएं शुरू की हैं।
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महाकुंभ 2025 में अडानी ग्रुप का योगदान
5.1 महाकुंभ में स्वच्छता और बुनियादी ढांचे में सहयोग
महाकुंभ मेला 2025 में अडानी ग्रुप ने स्वच्छता, भोजन वितरण, डिजिटल सुविधाओं और लॉजिस्टिक्स प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- अस्थायी शौचालयों और स्वच्छता केंद्रों का निर्माण किया गया।
- श्रद्धालुओं के लिए पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की गई।
- डिजिटल इंडिया पहल के तहत, वाई-फाई सुविधा और कैशलेस भुगतान सेवाओं की स्थापना की गई।
5.2 अडानी कर्मचारियों द्वारा स्वयंसेवा (वॉलंटियरिंग)
महाकुंभ 2025 के दौरान, अडानी ग्रुप के हजारों कर्मचारियों ने स्वयंसेवकों (वॉलंटियर्स) के रूप में सेवा दी।
कर्मचारियों की प्रमुख भूमिकाएँ:
- भोजन वितरण: अडानी कर्मचारियों ने ISKCON के साथ मिलकर प्रतिदिन 1 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को भोजन परोसा।
- स्वच्छता अभियान: स्वयंसेवकों ने घाटों और शिविरों में सफाई अभियान चलाया।
- मेडिकल सहायता: मेडिकल टीम के साथ काम कर श्रद्धालुओं को आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराईं।
- यातायात और सुरक्षा सहायता: स्वयंसेवकों ने भीड़ प्रबंधन और यातायात नियंत्रण में पुलिस और प्रशासन की मदद की।
5.3 CSR के तहत महाकुंभ सेवा केंद्रों की स्थापना
अडानी ग्रुप ने कुंभ मेले में कई सेवा केंद्र स्थापित किए, जहां लोग गुमशुदा व्यक्तियों की जानकारी, प्राथमिक चिकित्सा और सहायता सेवाएं प्राप्त कर सकते थे।
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निष्कर्ष
मोदी अडानी संबंध ने भारत में सामाजिक उत्थान और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के क्षेत्र में एक नया और प्रभावशाली आयाम जोड़ा है। यह साझेदारी सिर्फ आर्थिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने और देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
सामाजिक उत्थान में ठोस कदम
शिक्षा के क्षेत्र में अडानी ग्रुप ने मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं, जैसे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और स्किल इंडिया का समर्थन करते हुए कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं। सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, छात्रवृत्ति और व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं देकर हजारों विद्यार्थियों को एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ने का मौका मिला है। अडानी स्किल डेवलपमेंट सेंटर (ASDC) ने अब तक 1 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है।
स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में भी यह साझेदारी उल्लेखनीय है। आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के साथ मिलकर अडानी फाउंडेशन ने दूर-दराज के गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई हैं। मोबाइल मेडिकल वैन, कैंसर जागरूकता अभियान और अस्थायी अस्पतालों की स्थापना ने हजारों लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत 5000 से अधिक शौचालयों का निर्माण कर ग्रामीण भारत में स्वच्छता को बढ़ावा दिया गया है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में स्वयं सहायता ग्रुप (SHG) और डिजिटल साक्षरता अभियान के माध्यम से 5000 से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार का अवसर मिला है। महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, ई-कॉमर्स और कृषि से जोड़कर आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने की पहल की गई है।
महाकुंभ 2025 में अडानी ग्रुप का योगदान
महाकुंभ 2025 में अडानी ग्रुप और उसके कर्मचारियों की भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि निजी कंपनियां सिर्फ मुनाफे के लिए नहीं, बल्कि समाज सेवा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
भोजन सेवा: अडानी ग्रुप ने ISKCON के साथ मिलकर महाप्रसाद सेवा चलाई, जिसके तहत प्रतिदिन 1 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया गया।
स्वच्छता प्रबंधन: अडानी ग्रुप ने प्रयागराज में अस्थायी शौचालय, जल आपूर्ति केंद्र और सफाई व्यवस्था की स्थापना की, जिससे कुंभ मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिला।
डिजिटल सुविधाएं: मोदी सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के तहत अडानी ग्रुप ने वाई-फाई सेवाएं, कैशलेस भुगतान प्रणाली और गुमशुदा लोगों की सहायता केंद्र स्थापित किए, जिससे श्रद्धालुओं का अनुभव और भी सहज हो गया।
अडानी कर्मचारियों द्वारा स्वयंसेवा (वॉलंटियरिंग)
सबसे खास बात यह रही कि अडानी ग्रुप के हजारों कर्मचारियों ने स्वयंसेवक (वॉलंटियर) के रूप में काम किया। उन्होंने भोजन वितरण, स्वच्छता अभियान, चिकित्सा सहायता और भीड़ प्रबंधन जैसे कार्यों में प्रशासन की मदद की। इन स्वयंसेवकों ने यह साबित किया कि सामाजिक सेवा केवल संस्थाओं तक सीमित नहीं होती, बल्कि उसमें हर व्यक्ति की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
भविष्य की ओर एक मजबूत कदम
मोदी अडानी संबंध ने यह दिखाया है कि सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर कैसे सामाजिक और आर्थिक विकास को गति दे सकते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और डिजिटल सेवाओं के क्षेत्र में की गई पहलें देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम हैं।
आने वाले वर्षों में, इस साझेदारी के जरिए भारत के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य में और भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। इन संयुक्त प्रयासों से भारत को वैश्विक स्तर पर एक आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र बनाने का सपना साकार करने में मदद मिलेगी।