पोइला बैसाख के दिन पारंपरिक पोशाक पहनने की परंपरा है। जिसे आज भी कई लोग निभाते हैं। इस दिन घरों में पारंपरिक व्यंजन भी तैयार किये जाते हैं।
बंगाली नव वर्ष 2021 : इस साल बंगाल में पोइला बोइशाख यानी बंगाली नववर्ष 15 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन बंगाली लोग एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं शुभो नोबो बोरसो कहकर देते हैं। जिसका मतलब होता है नया साल मुबारक हो। मान्यता है कि बंगाल में वैशाख का महीना काफी शुभ होता है। इस समय सारे शुभ काम जैसे शादी-विवाह, गृह-प्रवेश, मुंडन, घर खरीदने जैसे कार्य किये जाते हैं। बंगाल के कई जगहों पर इस दिन मेले का आयोजन भी किया जाता है।
कैसे मनाया जाता है पोइला बोइशाख? इस दिन बंगाली लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं। इस दिन लोग नए कपड़े पहनकर पूजा पाठ करते हैं। व्यापारी लोगो इस दिन से लेखा जोखा शुरू करते हैं। इस दिन घर पर तरह तरह के पकवान बनाए जाते हैं। इस दिन घर सजाने से लेकर, मंदिर दर्शन करना और बड़ों का आशीष लेने की परंपरा होती है। इस दिन गौ माता की पूजा की जाती है। उन्हें सुबह स्नान कराकर तिलक लगाया जाता है। गाय माता को भोग लगाकर उनके पांव छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। लोग इन मेलों में पारंपरिक कपड़े पहनकर शामिल होते हैं। कई गांव में इस दौरान गोष्ठी मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें लोग अपने घरों से राधा-कृष्ण की मूर्ति लेकर पहुंचते हैं। फिर एकसाथ पूजा की जाती है। बांग्ला नववर्ष के दिन पुआल जलाने की भी परंपरा है। कहा जाता है कि लोग इस पुआल में अपने गुजरे साल के तमाम कष्टों की आहुति देते हैं बंगाली नव वर्ष 2021।
पोइला बोइशाख शुभ मूहूर्त
बंगाली युग 1428 प्रारम्भ
पोइला बोइशाख आरंभ- 15 अप्रैल, 2021 (गुरुवार)
पोइला बैसाख के दिन दावत: पोइला बैसाख के दिन पारंपरिक पोशाक पहनने की परंपरा है। जिसे आज भी कई लोग निभाते हैं। इस दिन घरों में पारंपरिक व्यंजन भी तैयार किये जाते हैं। इस दिन लोग प्याज, हरी मिर्च और फ्राइड हिल्सा फिश खाते हैं जिसे पांत भात कहा जाता है। इसके अलावा रसोगुल्ला, मांस, मछली, कई प्रकार के छेने की मिठाइयां भी इस दिन खाई जाती है।