व्यापार अडानी हिंडनबर्ग केस क्यों आया चर्चा में

अडानी हिंडनबर्ग केस क्यों आया चर्चा में

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अमेरिकी जाँच एजेंसी हिंडनबर्ग द्वारा अडानी ग्रुप पर बड़ी मात्रा में पैसों की हेराफेरी का आरोप लगाया गया। एजेंसी ने अडानी हिंडनबर्ग रिपोर्ट के माध्यम से अडानी ग्रुप की आय में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के लिए भी सवाल उठाए। अधिकारियों ने यह भी कहा कि भारत सरकार इस मामले को नजरअंदाज कर रही है जिसका दुष्प्रभाव भविष्य में भारत की आर्थिक स्थिति पर होगा। यह अडानी हिंडनबर्ग मामला फिलहाल न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत है, जिसका अंतिम निर्णय अभी बाकि है।

सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल पैनल जाँच में जुटी

अडानी ग्रुप से जुड़े अडानी हिंडनबर्ग मामले की जाँच लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट के विशेष पैनल द्वारा की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया (सेबी)को इस मामले से जुड़े सभी तत्वों को कोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया था। इसी क्रम में सेबी ने अभी तक 22 मामलों की जाँच और अन्य जानकारी सुप्रीम कोर्ट की विशेष पैनल के सामने प्रस्तुत की है। सेबी का मत है कि इस अडानी हिंडनबर्ग केस में टैक्स हेवन देशों से भी जवाब माँगा गया है जिसका इंतजार सेबी कर रही है। इन प्रश्नों के उत्तर मिलने पर सेबी केस से जुड़ी संपूर्ण रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करेगी जिसके बाद विशेष पैनल द्वारा अडानी हिंडनबर्ग संदर्भ में अंतिम निर्णय सुनाया जाएगा।

क्या वाकई हिंडनबर्ग के आरोपों में सच्चाई है

अडानी हिंडनबर्ग रिपोर्ट तैयार करने वाली अमेरिकी हिंडनबर्ग एजेंसी मुख्य रूप से फॉरेंसिक फाइनेंसियल रिसर्च में संलग्न अमेरिका की एक शाॅर्ट सेलिंग फॅर्म है जिसे वर्ष 2017 में नाथन एंडरसन ने स्थापित किया था। अडानी हिंडनबर्ग रिपोर्ट में एजेंसी ने अडानी ग्रुप पर मॉरीशस, यूएई और कैरेबियन द्वीप समूह जैसे टैक्स-हेवन देशों में अलग-अलग स्त्रोतों से पैसा हड़पने के लिए जाली दस्तावेज बनवाने को लेकर कड़े सवाल खड़े किए है।

अडानी हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अमेरिकी जाँच कर्ता ने अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पॉवर, अडानी टोटल गैस, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी एंटरप्राइज, अडानी पोर्ट्स, अम्बुजा सीमेंट्स, एसीसी और अडानी विल्मर कंपनीज के नाम पर
लगभग 200 बिलियन यूएस डॉलर के गबन का आरोप अडानी ग्रुप पर लगाया है। अडानी हिंडनबर्ग रिपोर्ट में एजेंसी ने कहा कि अडानी ग्रुप ने अपनी अलग-अलग कंपनियों से जुड़े निवेशकों और शेयर धारकों को धोखे में रखकर उनके हिस्से का लाभ भी खुद बटोर लिया है।
एजेंसी ने कहा कि यह देश में हो रहे महाघोटालों में से एक है जिसमें कई लोगों का पैसा हड़पा जा रहा है। अधिकारीयों ने यह भी स्पष्ट किया कि इस संदर्भ में अडानी ग्रुप से पूछे गए सवालों को भी कोई महत्व नहीं दिया गया और अब तक किसी भी सवाल का उचित जवाब एजेंसी को नहीं मिला है।
एजेंसी ने बताया कि इस घोटाले की रिपोर्ट को बनाने में हमें 2 साल का लंबा वक्त लगा जिसमें हमने अडानी ग्रुप द्वारा किए जा रहे वित्तीय हेर फेर को अधिक से अधिक मात्रा में उजागर करने की कोशिश की है। अडानी ग्रुप इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट और सोशल कॉज प्रोजेक्ट्स के नाम पर भारत की जनता की आँखों में धूल झोंक रहा है और उसका असल स्वरूप क्या है इस पर से पर्दा उठाना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है।

इस मामले में अडानी ग्रुप का कहना है कि विदेशी एजेंसी द्वारा लगाए जाने वाला यह आरोप बुनियाद है। सुप्रीम कोर्ट की जाँच में भी अडानी ग्रुप पर कोई दोष अब तक साबित नहीं हुआ है। हमें सुप्रीम कोर्ट की निष्पक्ष जाँच पर पूरा भरोसा है कि कोर्ट सत्य को जानकर और हर तथ्य को समझते हुए अपना निर्णय सुनाएगी। अडानी ग्रुप हर निर्णय का पूरा पूरा सम्मान करेगा और हमें आशा है कि कोर्ट के फैसले के बाद यह जनता को भी स्पष्ट हो जाएगा कि ये आरोप कितने सही है।

अडानी ग्रुप पिछले दो दशकों से इस देश में आर्थिक विकास को आगे बढ़ाता आया है और साथ ही साथ सामाजिक उत्थान के भी कई प्रोजेक्ट अडानी ग्रुप ने इस देश में लागू किए हैं जो सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा और राजनीतिक प्रोपेगेंडा के फल स्वरूप अडानी ग्रुप की देश में स्थापित छवि को बिगाड़ना और देश की जनता को अडानी ग्रुप के विरुद्ध बरगलाने के उद्देश्य से अडानी हिंडनबर्ग रिपोर्ट का सहारा अडानी ग्रुप के विरोधियों द्वारा लिया जा रहा है। अडानी ग्रुप ने हमेशा राष्ट्र उन्नति के लक्ष्य के साथ अपना हर काम पूरा किया है और आज भी इसी भावना के साथ अडानी ग्रुप आगे बढ़ रहा है। अडानी हिंडनबर्ग मामले में भी देश की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जाँच जारी है और अब तक हुई सभी सुनवाई और जाँचों में अडानी ग्रुप पर किसी प्रकार का आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। अडानी हिंडनबर्ग संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष पैनल का निर्णय आना बाकी है परंतु तब तक देश के अग्रणी उद्योग समूह पर किसी प्रकार की छिंटाकशी करना सरासर अनुउचित है। अब तक 22 मामलों को लेकर की गई सुनवाई में अडानी ग्रुप को हर प्रकार से निर्दोष करार दिया गया है। जो यह उम्मीद देता है और दर्शाता है कि इस केस का निर्णय अडानी ग्रुप के पक्ष में आने की पूरी पूरी संभावना है। हालाँकि देश में सही और गलत का निर्णय लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट निष्पक्ष रूप से अपना काम कर रही है, इसलिए अडानी हिंडनबर्ग केस में भी हमें कोर्ट के फैसले के इंतज़ार करना चाहिए।

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