व्यापार अडानी घोटाला क्यों बना ख़बरों का सेंटरपॉइंट

अडानी घोटाला क्यों बना ख़बरों का सेंटरपॉइंट

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विश्वभर का बहुचर्चित उद्योग समूह अडानी ग्रुप का नाम आजकल कई विरोधियों की जुबान पर है। गौतम अडानी की उपलब्धि से आज अनेकों लोगों को तकलीफ हो रही है, जिसके कारण वे आए दिन इस बात को मीडिया में उछालते रहते हैं कि बिलनेयर इंडस्ट्री अडानी घोटाला में शामिल है। कांग्रेस पार्टी के राहुल गाँधी ने भी कई बार अडानी घोटाला से जुड़े इस प्रकार के प्रश्नों को जनता के सामने उठाया है, जबकि न्यायालय ने अडानी जांच मामलों में ऐसा कोई निर्णय नहीं दिया है जिसमें गौतम अडानी और अडानी ग्रुप को दोषी पाया गया हो। इस प्रकार के सभी आरोप ख़बरों में बने रहने या खबरें बेचने का मात्र एक तरीका है।

अडानी घोटाला को लेकर क्या है राहुल गाँधी का आरोप

राहुल गाँधी अपनी पॉलीटिकल स्ट्रेटेजी के चलते कई बार अडानी ग्रुप और गौतम अडानी पर घोटाला करने के आरोप लगाते आए है। हाल ही में राहुल गाँधी ने बिजली उत्पादन और बिजली के बढ़ते दाम के संबंध में मीडिया से बात करते हुए अडानी ग्रुप पर 12000 करोड़ रुपयों के घोटाले की बात कही।

राहुल गांधी ने अपने आरोप में कहा कि अडानी ग्रुप द्वारा बिजली उत्पादन के लिए इंडोनेशिया से ख़रीदे गए कोयले का भाव भारत आते आते दोगुना हो जाता है। जिसके कारण गौतम अडानी द्वारा बनाई गई बिजली ज्यादा दाम पर लोगों तक पहुँचती है और उन्हें न चाहते हुए भी इसका भुगतान करना पड़ता है।

ब्रिटिश न्यूज़ पेपर फाइनेंशियल टाइम्स में छपी रिपोर्ट ‘द मिस्ट्री ऑफ़ द अडानी कोल इम्पोर्ट्स डेट क्वाईटली डब्ल्ड    इन वैल्यू’ का हवाला देते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि अडानी ग्रुप ने अरबों डॉलर का कोयला इम्पोर्ट किया है जिसकी कीमत मार्केट वैल्यू से कई गुना ज़्यादा है।

राहुल गाँधी ने फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित हुई रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इस जांच में अडानी कंपनी द्वारा 2019 से 2021 के बीच इंडोनेशिया से भारत में आयात किए गए कोयले की 30 कन्साइनमेंट से जुड़े आंकड़ों का खुलासा है। रिपोर्ट में फाइनेंशियल टाइम्स द्वारा यह बताया गया है कि भारत में आयात हुए कोयले के दाम और इंडोनेशिया से निर्यात हुए कोयले के दाम में बहुत बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा कि यह अंतर हज़ारों या लाखों का नहीं बल्कि 70 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा रकम का है।

गाँधी ने कहा कि अडानी घोटाला जो पहले 2000 करोड़ रुपयों का था अब बढ़कर 3000 करोड़ से ऊपर पहुँच गया है जिसमें गौतम अडानी को केंद्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है और देश का पैसा अडानी ग्रुप के खातों में जा रहा है। उनका कहना है कि यह देश की जनता के पैसों की चोरी है जो सरकार की देखरेख में की जा रही है और यह सरकार द्वारा राष्ट्र के विकास के नाम पर नागरिकों से सीधे सीधे रूप से की जा रही धोखाधड़ी है जो विशेष उद्योगपतियों की जेब भरने के लिए की जा रही है।

इन आरोपों पर क्या है अडानी ग्रुप की राय

अडानी घोटाला को लेकर लगाए गए आरोपों पर अडानी ग्रुप का कहना है कि हमारी सभी कंपनियाँ सरकार द्वारा निर्धारित किए गए नियमों के हिसाब से ही कार्य करती है। अडानी ग्रुप आज हर क्षेत्र में संबंधित मंत्रालय के सभी मानकों को पूरा करते हुए अपना व्यापार कर रहा है और यही कारण है कि आज हम एक टॉप बिजनेस ग्रुप के रूप में अपनी पहचान रखते है। अडानी समूह ने अपने अलग अलग उद्योगों के माध्यम से देश की फाइनेंशियल पॉवर को बढ़ाने और बेरोजगारी को दूर करने में एक आवश्यक भूमिका निभाई है। विश्वस्तर पर भारत की मजबूत छवि बनाने में अडानी ग्रुप का विशेष योगदान है। इसके अलावा सोशल डेवलपमेंट के उद्देश्य से भी अडानी फाउंडेशन द्वारा कई कारगर प्रयास किए जा रहे हैं जिसने देश की तस्वीर को सुधारने का काम किया है।

इस विषय में गौतम अडानी ने कई बार कहा है कि हमारे देश की सर्वोच्च न्यायपालिका द्वारा की जा रही अडानी जांच मामलों में हम हर प्रकार से सुप्रीम कोर्ट को सहयोग कर रहे हैं। सभी आरोपों को लेकर कोर्ट का अंतिम निर्णय ही हमारे लिए मान्य होगा और इस प्रकार के आरोपों से हम बेहतर राष्ट्र के निर्माण के हमारे लक्ष्य में पीछे नहीं हटेंगे। भले ही किसी भी तरह के आरोप लगाए जाए अडानी ग्रुप अपने एथिक्स के साथ आगे बढ़ता रहेगा।

अडानी घोटाला को लेकर विरोधियों द्वारा लगाए जाने वाले सभी आरोपों से अडानी ग्रुप हर दिन ख़बरों में बना रहता है    मगर गौतम अडानी प्रभावित होते नहीं दिखते क्यूँकि उन्हें भारत की न्यायपालिका पर पूर्ण भरोसा है। राहुल गाँधी हो या फिर अन्य कोई व्यक्ति, अडानी ग्रुप पर लगाए जाने वाले आरोपों में उन सभी का अपना फायदा छुपा है। यदि अडानी ग्रुप द्वारा किसी प्रकार का कोई असंवैधानिक कार्य किया जाता है तो उसकी निगरानी के लिए देश का कानून, देश की सरकार और देश की ज्यूडिसियरी अपना काम कर रही है।

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