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डिप्रेशन, दिल और अर्थराइटिस के रोगों से बचना है, तो करें डाइट में 5 जरूरी बदलाव

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शरीर की हर समस्या के लिए खानपान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. क्योंकि हम जो खाते या पीते हैं, हमारी सेहत पर सबसे ज्यादा प्रभाव उसी का पड़ता है. इसी तरह अगर आप इंफ्लामेशन (Inflammation) यानी सूजन की समस्या से परेशान हैं और उसे खत्म करना चाहते हैं, तो आपको अपनी डाइट में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने चाहिए. क्योंकि, शरीर में अलग-अलग जगह इंफ्लामेशन (इंफ्लेमेशन) होने के कारण आपको अर्थराइटिस (गठिया), डिप्रेशन (अवसाद), दिल के रोग (कार्डियोवैस्कुलर डिजीज), अस्थमा (दमा), जोड़ों में दर्द व अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की आधिकारिक वेबसाइट पर सूजन की समस्या कम करने में मदद करने वाले उन बदलावों के बारे में बताया गया है, जो डाइट यानी अपने आहार में किए जा सकते हैं.

इंफ्लामेशन क्यों होता है? (Inflammation in Body)
इंफ्लामेशन या सूजन हमारे इम्यून सिस्टम की एक प्रतिक्रिया है, जिसे वह चोट या इंफेक्शन हो जाने पर देता है. सूजन का मतलब है कि आपका शरीर उस निश्चित चोट या संक्रमण के खिलाफ लड़ रहा है और रिकवर कर रहा है. आपने देखा होगा कि चोट लगने पर कैसे आपके पैर में सूजन आने लग जाती है और चोट ठीक होने पर वह सूजन कम होने लगती है. लेकिन कई बार क्रॉनिक स्ट्रेस, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, मोटापे या गंभीर समस्या के कारण भी सूजन की समस्या हो सकती है, अर्थराइटिस जो लंबे समय तक दर्द व असहजता का कारण बन सकती. जिसे डाइट में कुछ बदलाव करके ठीक किया जा सकता है.

जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, जो लोग सूजन का कारण बनने वाले फूड जैसे रेड मीट या शुगर युक्त ड्रिंक्स का सेवन करते हैं, अर्थराइटिस उनमें दिल के रोग विकसित होने का खतरा एंटी-इंफ्लामेटरी फू्ड्स (सूजन कम करने वाले फूड्स) खाने वालों के मुकाबले ज्यादा होता है. इसलिए डाइट में इन बदलावों की मदद से आप दिल के रोग और सूजन की समस्या से राहत पा सकते हैं.

Diet Changes: सूजन की समस्या से राहत के लिए डाइट में किए जाने वाले बदलाव

इंफ्लामेशन की समस्या से राहत पाने के लिए आप अपनी डाइट में निम्न बदलाव कर सकते हैं. जैसे-

  1. प्रोसेस्ड या रिफाइंड अनाज की जगह साबुत अनाज को अपनी डाइट में शामिल करें. साबुत अनाज में हेल्दी बैक्टीरिया के विकास में मदद करने वाले तत्व पाए जाते हैं. यह हेल्दी बैक्टीरिया उन कंपाउंड्स का उत्पादन करते हैं, जो इंफ्लामेशन की समस्या को कम करने में मदद करते हैं. इन अनाज के साथ ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करने से उसके एंटी-इंफ्लामेटरी गुण और ब्लड प्रेशर व कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने वाले गुण भी मिलते हैं.
  2. आपको अर्थराइटिस, अस्थमा आदि से बचाव के लिए अपनी डाइट में कार्बोनेटेड सोडा की जगह ग्रीन टी शामिल करनी चाहिए. ग्रीन टी में catechins नामक तत्व होता है, जो कि सूजन से लड़ने में शरीर की मदद करता है. लेकिन ग्रीन टी में शुगर की अत्यधिक मात्रा ना डालें.
  3. आपको स्नैक्स के रूप में नमकीन, समोसा आदि की जगह बिना नमक वाले मिक्स्ड नट्स और सेब का सेवन करना चाहिए. नट्स का सेवन करने से हेल्दी फैट्स, प्रोटीन और फाइटोकैमिकल्स के साथ कई स्वास्थ्य फायदे मिलते हैं. इन फाइटोकैमिकल्स में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं, जो सूजन बढ़ाने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करने में मदद करते हैं.
  4. आपको आलू की जगह मछली व ब्रॉकली का सेवन करना चाहिए. सैल्मन, टूना आदि मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है. जो कि स्वस्थ शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है. क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं. इसके अलावा ब्रॉकली में भी फाइबर, फोलेट और विटामिन सी, ई और विटामिन-के आदि की प्रचुर मात्रा होती है. जिससे शरीर को जरूरी पोषण मिलता है.
  5. केक या मीठे फूड्स की जगह आपको विभिन्न प्रकार की बैरीज का सेवन करना चाहिए. बैरीज जैसे फलों में विटामिन और सूजन कम करने वाले फाइटोकैमिकल्स की प्रचुर मात्रा होती है.

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