दिल्‍ली, उत्‍तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्‍थान और मध्‍य प्रदेश समेत देश के कई राज्‍यों में आज से स्‍कूल खुल गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्यों से 5 सितंबर यानी राष्ट्रीय शिक्षक दिवस (Teachers’ Day) से पहले देशभर के सभी स्कूली शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने को कहा है। देश में कोरोना के मामलों में गिरावट जारी है और टीकाकरण अभियान भी तेजी पकड़ रहा है। इसी बीच देश के कई राज्यों के स्कूल आज से कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ ऑफ लाइन कक्षाएं शुरू कर रहे हैं। आइये जानते हैं देश के किन-किन राज्यों में 1 सितंबर से स्कूल में कक्षाएं शुरू की जा रही हैं।

दिल्ली के खुले स्‍कूल

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार के बाद दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान 1 सितंबर से फिर से खुलेंगे। 1 सितंबर से स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) द्वारा घोषित दिशानिर्देशों में प्रति कक्षा केवल 50 फीसद छात्रों को अनुमति दी गई है। इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर अनिवार्य थर्मल स्क्रीनिंग और वैकल्पिक बैठने की व्यवस्था को शामिल किया गया है।

उत्तर प्रदेश में कक्षा 1 से 5 तक के खुल रहे स्कूल

उत्तर प्रदेश में आज से कक्षा एक से पाचवीं तक के स्कूल खुल रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-09 की बैठक में स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन का कार्य हर दिन हो। पठन-पाठन के साथ-साथ बच्चों की सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया जाए। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल 16 अगस्त को ही खोल दिए गए थे। 24 अगस्त से कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के स्कूल खोले जाने के निर्देश दे दिए गए थे।

मध्य प्रदेश के स्कूल

मध्य प्रदेश सरकार कक्षा 6 से 12 के लिए 1 सितंबर से 50 फीसद क्षमता के साथ स्कूलों को फिर से खोलेगी। राज्य के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि 1 से 8 तक के छात्रों के लिए कक्षाएं फिर से शुरू करने पर निर्णय बाद में लिया जाएगा। उनके लिए अभी ऑनलाइन कक्षाएं ही आयोजित की जाएंगी।

राजस्थान के स्कूल

राजस्थान सरकार ने भी 1 सितंबर से कक्षा 9 से 12 के लिए स्कूलों को फिर से खोलने की घोषणा की है। कोरोना प्रोटोकॉल बनाए रखने के लिए प्रत्येक सत्र में केवल 50 फीसद छात्रों को कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दी गई है।