अफगानिस्तान की राजधानी में गुरुवार देर शाम हुए दो विस्फोट की भारत ने भी कड़े शब्दों में निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया में इसे कहा कि हम काबुल में हुए बम विस्फोटों की भ‌र्त्सना करते हैं। इस आतंकी वारदात में मारे गये लोगों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा गया है कि इस हमले के बाद और जरूरी हो गया है कि आतकंवाद और आतंकियों को सुरक्षित शरण देने वालों के खिलाफ पूरी दुनिया एकजुट हो।

काबुल से जो खबरें आ रही हैं इससे संकेत है कि इस विस्फोट के पीछे इस्लामिक आतंकी संगठन आइएस (इस्लामिक स्टेट) जिम्मेदार है।

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उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त, 2021 को काबुल पर तालिबान का कब्जा होने के बाद भारत ने बहुत ही स्पष्ट शब्दों में विश्व बिरादरी को इस आतंकी संगठन के बारे में आगाह किया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कह चुके हैं कि अफगानिस्तान में अस्थिरता फैलने से पूरे क्षेत्र में आइएस का खतरा बढ़ गया है।

हमले को लेकर पहले ही जारी हुआ था अलर्ट

बता दें कि काबुल में अमेरिकी दूतावास की ओर से गत बुधवार की शाम को जारी एक अलर्ट में नागरिकों को सलाह दी गई थी कि वे एयरपोर्ट की ओर आना टाल दें। जो लोग पहले से एयरपोर्ट के गेट पर मौजूद हैं, वे भी तत्काल वहां से चले जाएं। आस्ट्रेलिया ने भी अपने लोगों को एयरपोर्ट से दूर रहने की सलाह दी थी। इसके अलावा, ब्रिटेन के सशस्त्र बलों के मंत्री जेम्स हैपी ने बताया कि एक ब़़डे हमले की ब़़डी विश्वसनीय रिपोर्ट आई है। इसलिए लोगों को एयरपोर्ट से दूर चले जाना चाहिए।

आतंकी हमले के बाद बाइडन ने की उच्चस्तरीय बैठक

काबुल में बम धमाकों की खबर मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायली पीएम के साथ अपनी मीटिंग टालकर सुरक्षा संबंधी टीम के साथ आपात बैठक की। समाचार एजेंसी एएनआइ ने सीएनएन के हवाले से कहा है कि बाइडन ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ बैठक की जिसमें विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन, ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मिले समेत अन्‍य कमांडर शामिल थे।